
नमस्ते या नमस्कार , क्या है इस भारतीय अभिवादन का असल मतलब ?
नमस्ते या नमस्कार , क्या है इस भारतीय अभिवादन का असल मतलब ?
Namaste नमस्ते या नमस्कार अनगिनत भारतीय संस्कारों में अभिवादन का एक प्राचीन और आध्यात्मिक तरीका है !
नमस्ते शब्द का मूल रूपेण अर्थ संस्कृत भाषा से समबन्धित है और इसका संधि विछेद किया जाए तो यह नमः + ते है और यह नमः के साथ संधि ते के साथ योग होने पर शाब्दिक रूप में नमस्ते बन जाता है!
इस शब्द का आधयात्मिक प्रभाव इस शब्द के मूल भाव में है अर्थात इसमें एक मनुष्य दूसरे मनुष्य का अभिनन्दन करते समय ये ध्यान करता है की इस आत्म रूप शरीर का दूसरे शरीर के आत्म रूप को अभिनन्दन या फिर परमात्मा के उस सूक्ष्म तत्त्व जो सब में मौजूद है उसका अभिनन्दन !
नमस्ते करते समय शरीर और दोनों हाथो की मुद्रा और उसका मुख्य साक्ष्य हैं ! इसमें व्यक्ति के दोनों हाथ जुड़े होते हैं और छाती के साथ सटे होने साथ थोड़ा आगे जुकना होता है, और इसका साधारण शब्दों में मतलब होता है की नमस्कार या नमस्ते करने वाला व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को सपूर्ण आदर समान दे रहा है और झुक कर अभिनन्दन कर रहा है !
अभिनन्दन करते समय नमस्कार या नमस्ते करने का एक मुख्य फायदा यह भी है कि कोई भी शारीरिक संपर्क न होने से भी दो मनुष्यों कि ऊर्जा प्रवाह में कोई बदलाव नहीं होता है और न ही कोई नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है ! साथ में न ही किसी भी प्रकार के संक्रमण जनित बीमारी का खतरा उत्पन्न होता है !