
नैतिकता और आज की स्कूली लड़कियां और लड़के !
नैतिकता और आज की स्कूली लड़कियां और लड़के !
Teenage and Tinder: हो न हो यह जरूर एक साज़िश है ! बाहरी ताकतों की और काली हवाओं की जो आज की स्कूल जाने वाली जनता सिर्फ और सिर्फ कामुकता के आगोश में समाना चाहती है ! कल की ही बात है , घर से चंद कदमो की दूरी में बहुत पुराने नामी स्कूल की आठवीं की लड़की अपने पडोसी आशिक के साथ सड़क किनारे भोर सुबह अधखुली दुकानों की सीढ़ियों पर रंग रलियां बनाती हुई पाई गई और हद तो तब हो गई जब उक्त आशिक ने उनको रंगे हाथ पकड़ने वाले दुकानदारों को ही धमकाना शुरू कर दिया ! और चंद पलों में स्थानीय गुंडों की फौज के साथ हमला कर दिया !
कारण: हम सोचते हैं की बच्चा पढ़ने गया है मगर ये कोई नहीं जानता की असल में हो क्या रहा है ! ‘कारण’, सिर्फ और सिर्फ एक , उसे चाहे कुछ भी कह लें , मोबाइल फ़ोन , आई फ़ोन , सेल फ़ोन या फिर दूरभाष यन्त्र ! और इसका भी एक जीता जागता सुबूत है परसाल में जारी सरकारी , गैरसरकारी फ्री डाटा या फ्री सिम … जब फ्री हो गया तो फ्री में मज़ा ,चाहे नैतिक या असल ज्ञानवर्धक ब्रह्मांडीय समूर्ण ज्ञान और प्रॅक्टिक्स.
फेसबुक , यूट्यूब, टिंडर और व्हाट्सप्प आजकल चर्चा में हैं और सबकी पहली चाहत हैं .
भोर सुबह सबसे पहले दीन दुनिया की खबर का जरिया आज कुछ और ही बनता जा रहा है और सबको अपने आगोश में ले चुका है ! सुधारना होगा सब कुछ , इससे पहले के देर हो जाए !
समाधान : सिर्फ और सिर्फ इन काली हवाओं से उचित दूरी !